घर की इस दिशा में रखें गहने, हर दिशा से आएगी धन-समृद्धि By: WD_ENTERTAINMENT_DESK
Gold Jewellery वास्तु टिप्स : अच्छे गहनों की चाह हर महिला को पसंद होती है, क्योंकि आभूषण जहां बुरे समय में हमारे काम आते हैं, वहीं वे सुंदरता में चार चांद भी लगाते हैं। जानिए यहां घर की किस दिशा में रखें अपने कीमती गहने कि घर में हमेशा बनी रहे सुख-समृद्धि। Jewellery Tips(read entire article)(posted on: 2022-12-21)
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कहीं आपने पन्ना और पुखराज साथ तो नहीं पहन रखा है? By: WD_ENTERTAINMENT_DESK
हर ग्रह का अपना एक रत्न होता है। यदि आपने आपसी शत्रु ग्रहों को रत्न एक साथ पहन रखा है तो फिर आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। जैसे शनि और सूर्य का रत्न एक साथ नहीं पहनते हैं। ज्योतिष के अनुसार रत्नों को उनकी राशि के साथ ही कुंडली में स्थित ग्रहों की स्थिति जानकर ही पहनना चाहिए क्योंकि यह नुकसानदायक भी हो सकते हैं। आओ जानते हैं कि यदि आपने पुखराज और पन्ना पहन रखा है तो क्यों हो जाएं सावधान और क्या होगा नुकसान।(read entire article)(posted on: 2022-12-21)
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Is Mahram Required For Umrah? By: Adnan Ijaz
According to the Hanafi school of thought, women can't perform Umrah without their Mahram if they travel alone.(read entire article)(posted on: 2022-12-21)
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मंगलवार को बजरंगबली की शुभ मुहूर्त में इस विधि से करें पूजा, मिलेगी मनचाही सफलता By: WD_ENTERTAINMENT_DESK
प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए और मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमानजी की पूजा करना चाहिए। मंगलवार के दिन हनुमानजी की पूजा का खासा महत्व होता है। शुभ मुहूर्त में और अच्छे तरीके से विधिवत रूप से उनकी पूजा करने के साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। आओ जानते हैं हनुमान पूजा की सरल विधि।(read entire article)(posted on: 2022-12-20)
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खर मास के सटीक उपाय, पवित्र महीने में जरूर आजमाएं By: WD_ENTERTAINMENT_DESK
Kharmas 2022: इन दिनों खर मास चल रहा है तथा इसका धार्मिक महत्व भी बहुत है। ज्योतिष के अनुसार सूर्यदेव जब धनु राशि में प्रवेश करते है, तब खर मास प्रारंभ होता है। तथा इन दिनों शुभ कार्य जैसे- नूतन गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन, कर्ण छेदन, आदि कई मांगलिक कार्यों को न करने की मनाही है, लेकिन इस महीने दान तथा पुण्य के कुछ खास उपाय करना चाहिए। आइए जानते हैं-(read entire article)(posted on: 2022-12-20)
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भगवान विष्णु के 24 अवतार का महत्व और मंत्र By: WD_ENTERTAINMENT_DESK
Lord Vishnu avatars : आइए यहां जानते हैं भगवान विष्णु के 24 अवतारों और उनके महत्व के बारे में। हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है तथा नारायण और हरि के नाम से प्रसिद्ध विष्णु जी हमें धन-समृद्धि, सुख-शांति और ऐश्वर्य तथा आरोग्य देते हैं। आइए जानते हैं उनके अवतार और मंत्र-
Avatars of lord vishnu(read entire article)(posted on: 2022-12-19)
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लोहड़ी उत्सव कब है, क्यों मनाया जाता है? By: WD_ENTERTAINMENT_DESK
Lohri 2023 : अगले वर्ष 2023 में लोहड़ी का उत्सव कब मनाया जाएगा। लोहड़ी का पर्व क्यों मनाया जाता है। किस राज्य और किस समाज का यह प्रमुख पर्व माना जाता है। क्या अर्थ होता है लोहड़ी का? आओ जानते हैं कि आखिर क्या है लोहड़ी महोत्सव या त्योहार पर्व की खासियत और किसकी करते हैं इस दिन पूजा।(read entire article)(posted on: 2022-12-19)
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रुक्मणी अष्टमी कब है, कैसे किया जाता है? जानिए कथा, मंत्र, महत्व, शुभ योग और मुहूर्त By: WD_ENTERTAINMENT_DESK
Rukmini Ashtami 2022 : इस बार शुक्रवार, 16 दिसंबर 2022 को रुक्मिणी अष्टमी पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन देवी रुक्मिणी के साथ भगवान कृष्ण का पूजन करने का महत्व है। आइए जानते हैं यहां रुक्मिणी अष्टमी के बारे में- Rukmini Ashtami 2022 Date and Shubh Muhurat(read entire article)(posted on: 2022-12-16)
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अमृत मंथन का पहाड़ कहां चला गया? By: WD_ENTERTAINMENT_DESK
कहते हैं कि क्षीरसागर में ही समुद्र मंथन हुआ था। इस मंथन के दौरान मंदरांचल पर्वत को मथनी और वासुकी नाग को रस्सी बनाया गया था। देवता और और दैत्यों ने मिलकर इस पहाड़ के द्वारा समुद्र को मंथन किया था। इस मंथन से पहले कालकूट नामक विष निकलने के बाद 14 तरह के अद्भुत चीजें प्राप्त हुई थी जिसमें अंतिम था अमृत। लेकिन जिस पहाड़ को मथनी बनाकर मंथन किया था वह पहाड़ वर्तमान में कहां है?(read entire article)(posted on: 2022-12-16)
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उत्तरी सीमा पर भारतीय सशस्त्र बलों का मजबूत नियंत्रण : जनरल आरपी कलिता By: WD entertelment desk
कोलकाता। थलसेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने शुक्रवार को कहा कि देश की उत्तरी सीमा से सटे सीमा क्षेत्रों में स्थिरता है और वहां भारतीय सशस्त्र बलों का मजबूत नियंत्रण है। अरुणाचल प्रदेश में तवांग शहर के उत्तर-पूर्व में स्थित सीमावर्ती क्षेत्र यांगत्से में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के एक सप्ताह बाद कलिता ने यह बात कही।
इस क्षेत्र पर चीन की सेना ‘पीपुल्स लिबरेशन आर्मी' (पीएलए) ने 1962 में भी हमला किया था। कलिता ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विभिन्न बिंदुओं को लेकर दोनों देशों की सेनाओं की अलग-अलग अवधारणाएं हैं और इनमें से आठ क्षेत्रों की दोनों पक्षों ने पहचान की है।
उन्होंने कहा कि पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में इनमें से एक क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की, जिसका भारतीय बलों ने बहुत मजबूती से जवाब दिया। पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी), लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने कहा, वर्तमान में हम सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उत्तरी सीमा से लगते सीमा क्षेत्रों में स्थिरता है और हमारा मजबूत नियंत्रण है।(read entire article)(posted on: 2022-12-16)
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