123ArticleOnline Logo
Welcome to 123ArticleOnline.com!
ALL >> Religion >> View Article

गीता के 18 अध्याय में क्या लिखा है?

Profile Picture
By Author: WD_ENTERTAINMENT_DESK
Total Articles: 22
Comment this article
Facebook ShareTwitter ShareGoogle+ ShareTwitter Share

Bhagavad gita summary : हिन्दुओं का धर्मग्रंथ है चार वेद, वेदों का सार है उपनिषद और उपनिषदों का सार है गीता। गीता सभी ग्रंथों का सार यानी निचोड़ है। इसीलिए श्रीमद्भगवद गीता हिन्दुओं का सर्वमान्य ग्रंथ है। इसे वेद और उपनिषदों का पॉकेट संस्करण भी कह सकते हैं। महाभारत के 18 अध्यायों में से 1 भीष्म पर्व का हिस्सा है भगवत गीता। गीता में भी कुल 18 अध्याय हैं। 18 अध्यायों की कुल श्लोक संख्या 700 है। आओ जानते हैं कि गीता के 18 अध्याय में क्या लिखा है?

1.पहला अध्याय- अर्जुनविषादयोग ...
... नाम से है। इस अध्याय में दोनों सेनाओं के प्रधान-प्रधान शूरवीरों की गणना, सामर्थ्य और शंख ध्वनि का कथन, अर्जुन द्वारा सेना-निरीक्षण का प्रसंग और अपने ही बंधु-बांधवों को सामने खड़ा देखकर मोह से व्याप्त हुए अर्जुन के कायरता, स्नेह और शोकयुक्त वचन है। इसमें अर्जुन कहता है कि यदि मैं अपने ही बंधुओं को मारकर विजय भी प्राप्त कर लेता हूं तो यह मुझे सुख नहीं पश्चाताप ही देगी।


2.दूसरा अध्याय- सांख्ययोग नाम से है। इसमें श्री कृष्ण कहते हैं कि इस असमय यह बातें करना उचित नहीं, क्योंकि अब तो सामने युद्ध थोप ही दिया गया है। अब यदि तुम नहीं लड़ोंगे तो मारे जाओगे। अर्जुन हर तरह से युद्ध को छोड़कर जाने की बात कहता है तब श्रीकृष्ण कहते हैं कि अब युद्ध से विमुख होना नपुंसकता और कायरता है। इसी चर्चा में श्रीकृष्ण अर्जुन को आत्मा की अमरता के बारे में बताते हैं और कहते हैं कि आत्मा का कभी वध नहीं किया जा सकता और तू जिनके मारे जाने का शोक करने की बात कर रहा है वह उनका शरीर है जिसे आज नहीं तो कल मर ही जाना है। इसीलिए जय-पराजय, लाभ-हानि और सुख-दुख को समान समझकर, उसके बाद युद्ध के लिए तैयार हो जा। इसी अध्याय में श्रीकृष्ण संख्ययोग और स्थिरबुद्धि पुरुष के लक्षण का वर्णन करते हैं।


3.तीसरा अध्याय- कर्मयोग नाम से है। इसमें ज्ञानयोग और कर्मयोग के अनुसार जीवन में अनासक्त भाव से नियत कर्म करने की श्रेष्ठता का निरूपण किया गया है। इसमें कर्मों का गंभीर विवेचन किया गया है। अज्ञानी और ज्ञानवान के लक्षण तथा राग-द्वेष से रहित होकर कर्म करने के लिए प्रेरणा की बातें कही गई है। इस अध्याय में ही हिन्दू धर्म के कर्म के सिद्धांत का निचोड़ लिखा हुआ है। इससे ही यह प्रकट होता है कि हिन्दू धर्म कर्मवादी धर्म है भाग्यवादी नहीं। श्रीकृष्ण कहते हैं कि वास्तव में सम्पूर्ण कर्म सब प्रकार से प्रकृति के गुणों द्वारा किए जाते हैं, जो कि कार्य और कारण की एक श्रृंखला है।


4.चौथा अध्याय- ज्ञानकर्मसंन्यासयोग नाम से है। इसमें ज्ञान, कर्म और संन्यास योग का वर्णन है। सगुण भगवान का प्रभाव और कर्मयोग का विषय, योगी महात्मा पुरुषों के आचरण और उनकी महिमा, फलसहित पृथक-पृथक यज्ञों का कथन और ज्ञान की महिमा का वर्णन किया गया है।


5.पांचवां अध्याय- कर्मसंन्यासयोग नाम से है। इसमें सांख्ययोग और कर्मयोग का निर्णय, सांख्ययोगी और कर्मयोगी के लक्षण और उनकी महिमा, ज्ञानयोग का विषय और भक्ति सहित ध्यानयोग का वर्णन का वर्णन किया गया है। उपरोक्त सभी योगों के वर्णन में अध्‍यात्म, ईश्वर, मोक्ष, आत्मा, धर्म नियम आदि का वर्णन है किसी भी प्रकार के युद्ध या युद्ध करने का नहीं।


6.छठा अध्याय- आत्मसंयमयोग नाम से है। इसमें कर्मयोग का विषय और योगारूढ़ पुरुष के लक्षण, आत्म-उद्धार के लिए प्रेरणा और भगवत्प्राप्त पुरुष के लक्षण, विस्तार से ध्यान योग का वर्णन, मन के निग्रह का विषय, योगभ्रष्ट पुरुष की गति का विषय और ध्यानयोगी की महिमा का वर्णन किया गया है।


7.सातवां अध्याय- ज्ञानविज्ञानयोग नाम से है। इसमें विज्ञान सहित ज्ञान का विषय, संपूर्ण पदार्थों में कारण रूप से ईश्वर की व्यापकता का कथन, आसुरी स्वभाव वालों की निंदा और भगवद्भक्तों की प्रशंसा, भगवान के प्रभाव और स्वरूप को न जानने वालों की निंदा और जानने वालों की महिमा का वर्णन किया गया है।

Total Views: 201Word Count: 620See All articles From Author

Add Comment

Religion Articles

1. Chhath Puja Rituals, Traditions And Strory
Author: kuldeep

2. Your Complete Guide To Hassle-free Umrah Package Booking
Author: sanaya khan

3. How A Prayer Times App Helps During Ramadan
Author: Master of Backlinks

4. Love Vashikaran Solutuions In Delhi By Astro Saloni
Author: Astro Saloni

5. The Power Of Astrology In Transforming Lives
Author: Astro Venkateshji

6. Kaal Sarp Dosh Puja In Trimbakeshwar With Pandit Vedanshu Guruji
Author: Pandit Vedanshu Guruji

7. Best Astrologer In Kammanahalli
Author: Pandithkeshav

8. Love Vashikaran Astrologer In Bangalore
Author: Astrologerpandith

9. Ramoudhya Gangajal
Author: Ramoudhya

10. Best Astrologer In Chandigarh And Mohali
Author: mehtali

11. Best Astrologer In Gnana Bharathi Nagar
Author: AstroBAB

12. Love Problem Solution Astrologer In Marathahalli
Author: Hanumanastro9

13. Why Trimbakeshwar Is The Best Place For Narayan Nagbali Pooja
Author: Pandit Narayan Shashtri

14. How To Find The Best Astrologer In Major U.s. Cities
Author: Adarsh Kothari

15. How To Use Black Magic Spells To Attract True Love
Author: Astrologer RK Sharma

Login To Account
Login Email:
Password:
Forgot Password?
New User?
Sign Up Newsletter
Email Address: